• Solid Joys (Hindi) | Marg Satya Jeevan

  • By: John Piper
  • Podcast

Solid Joys (Hindi) | Marg Satya Jeevan

By: John Piper
  • Summary

  • Solid Joys is a daily devotional written and read by John Piper. These short and substantive readings will feed your joy in Jesus every day of the year. Discover more from Piper at margsatyajeevan.com in Hindi.
    John Piper
    Show More Show Less
activate_Holiday_promo_in_buybox_DT_T2
Episodes
  • Death Rehearsal I मृत्यु का पूर्वाभ्यास (Rehearsal)
    Dec 31 2023
    तू उन्हें बाढ़ की भाँति बहा देता है; वे नींद के झोंके या भोर को उगने वाली घास के समान होते हैं: वह भोर को लहलहाती और बढ़ती है, परन्तु साँझ को मुर्झाकर सूख जाती है . . . अतः हमको अपने दिन गिनना सिखा कि हम बुद्धि से भरा मन पाएँ। (भजन 90:5-6,12) मेरे लिए, वर्ष का अन्त मेरे जीवन के अन्त के समान होता है। और 31 दिसम्बर को रात में 11:59 का समय मेरी मृत्यु के क्षण के समान होता है। वर्ष के 365 दिन एक लघु जीवनकाल के समान होते हैं। और ये अन्तिम घण्टे मानो अस्पताल के उन अन्तिम दिनों के समान हैं जब डॉक्टर ने मुझे बताया हो कि मेरा अन्त बहुत ही निकट है। और इन अन्तिम घण्टों में, इस वर्ष का जीवनकाल मानो मेरी आँखों के सामने से बीत कर चला जाता है, और फिर मैं इस अपरिहार्य प्रश्न का सामना करता हूँ कि: क्या मैंने अपना जीवन अच्छी रीति से जिया? क्या यीशु ख्रीष्ट जो धर्मी न्यायी है, कहेगा, “शाबाश, हे अच्छे और विश्वासयोग्य दास” (मत्ती 25:21)? मैं बहुत ही सौभाग्शाली हूँ कि मेरा वर्ष इस रीति से समाप्त होता है। और मेरी प्रार्थना है कि वर्ष के अन्त का महत्व आपके लिए भी ऐसा ही हो। मैं अपने आप को सौभाग्यशाली इसलिए अनुभव करता हूँ क्योंकि स्वयं के मरण पर पूर्व-परीक्षण करना अत्याधिक फलदायक है। वर्ष में एक बार अपने जीवन के अन्तिम दृश्य की तैयारी का करना अत्यन्त लाभकारी है। यह अत्यन्त लाभकारी इसलिए है क्योंकि 1 जनवरी की सुबह एक नए जीवनकाल के कगार पर, फिर से नई रीति से आरम्भ करने के लिए हममें से अधिकाँश लोग अभी भी जीवित होंगे। पूर्वाभ्यासों की अच्छी बात यह होती है कि वह आपको दिखाते हैं कि आप कहाँ पर दुर्बल हैं, आप तैयारी में कहाँ चूक गए थे; और इस कारण वह आपको वास्तविक श्रोताओं के सामने होने वाले वास्तविक कार्यक्रम से पूर्व परिवर्तिन करने का कुछ समय प्रदान करते हैं। मेरा मानना है कि आप में से कुछ लोगों के लिए मृत्यु का विचार इतना घिनौना, इतना विषादपूर्ण, इतना दुःख और पीड़ा से भरा हुआ है कि आप इसे अपने मन से बाहर रखने का पूरा प्रयास करते हैं, विशेषकर छुट्टियों के समय। मेरे विचारानुसार यह मूर्खता है और आप स्वयं को बहुत हानि पहुँचा रहे हैं। मैंने इस बात को पाया है कि मेरे स्वयं के जीवन के लिए कुछ ही बातें है जो इस बात से अधिक जीवन परिवर्तित करने वाली होती हैं कि मैं समय-समय पर ...
    Show More Show Less
    5 mins
  • Outfitted And Empowered I तैयार और सशक्त किए गए
    Dec 30 2023
    अब शान्तिदाता परमेश्वर जिसने भेड़ों के महान् रखवाले प्रभु यीशु को सनातन वाचा के लहू द्वारा मृतकों में से जीवित कर दिया, तुम्हें सब भले गुणों से परिपूर्ण करे, जिस से तुम उसकी इच्छा पूरी करो, और जो कुछ उसकी दृष्टि में प्रिय है, वह यीशु ख्रीष्ट के द्वारा हमारे अन्दर पूरा करे। उसी की महिमा युगानुयुग होती रहे। आमीन। (इब्रानियों 13:20-31) ख्रीष्ट ने अनन्त वाचा के लहू को बहाया। इस सफल छुटकारे के द्वारा उसने मृतकों में से स्वयं के पुनरुत्थान की आशिष को प्राप्त किया। यह यूनानी भाषा में हिन्दी भाषा से अधिक स्पष्ट है, और यद्यपि यहाँ भी यह पर्याप्त रीति से स्पष्ट है: “परमेश्वर ने . . . प्रभु यीशु को सनातन वाचा के लहू द्वारा मृतकों में से पुनः जीवित ले आया है।” वह यीशु — जो वाचा के लहू द्वारा जीवित किया गया — अब हमारा जीवित प्रभु और चरवाहा है। और इस सब के कारण, परमेश्वर दो कार्य करता है: वह हमें सब भले गुणों से सुसज्जित करता है, जिस से हम उसकी इच्छा पूरी करें, और वह अपनी दृष्टि में प्रिय बातों को हमारे अन्दर पूरा करता है। यीशु के लहू द्वारा प्राप्त की गई “सनातन वाचा” नई वाचा है। और नई वाचा की प्रतिज्ञा यह है: “मैं अपनी व्यवस्था उनके मनों में डालूँगा और उसे उनके हृदयों पर लिखूँगा” (यिर्मयाह 31:33)। इसलिए, इस वाचा का लहू न केवल परमेश्वर द्वारा उसकी इच्छा को पूरी करने हेतु हमारे सुसज्जित होने के कार्य को सुनिश्चित करता है, परन्तु हम में परमेश्वर के कार्य को भी सुनिश्चित करता है जिससे कि वह सुसज्जित करने का कार्य सफल हो सके। परमेश्वर की इच्छा अनुग्रह के साधन के रूप में केवल किसी पत्थर या पत्र पर नहीं लिखी हुई है। यह तो हमारे अन्दर कार्य करती है। और इसका प्रभाव यह है: हम विभिन्न रीतियों से परमेश्वर को प्रसन्न करने के विषय में अनुभूति करते हैं, सोचते हैं और कार्य करते हैं। हमें अभी भी आज्ञा मिली है कि हम उसके द्वारा हमें दिए गए संसाधनों का उपयोग करें: “डरते और काँपते हुए अपने उद्धार का काम पूरा करते जाओ।” परन्तु इससे कहीं अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि हमें इसका कारण बताया जाता है: “क्योंकि स्वयं परमेश्वर अपनी सुइच्छा के लिए तुम्हारी इच्छा और कार्यों को प्रोत्साहित करने के लिए तुम में सक्रिय है” (फिलिप्पियों 2:12-13)। यदि हम परमेश्वर ...
    Show More Show Less
    3 mins
  • A Horrible Destiny I एक भयानक गन्तव्य
    Dec 29 2023
    . . . यीशु जो हमें आने वाले प्रकोप से बचाता है। (1 थिस्सलुनीकियों 1:10) क्या आपको वह समय स्मरण है जब आप बचपन में खो गए थे, या एक खड़ी चट्टान पर फिसल रहे थे, या डूबने वाले थे? फिर अचानक आपको बचा लिया गया। आप किसी प्रकार से जीवित बच गए। आप उसके विषय में सोचते हुए काँप रहे थे जिसे आपने लगभग खो ही दिया था। आप प्रसन्न थे। ओह, अत्यधिक प्रसन्न और धन्यवादी भी। और आप आनन्द के साथ काँप उठे। मैं वर्ष के अन्त में परमेश्वर के प्रकोप से अपने बचाए जाने के विषय में ऐसा ही अनुभव करता हूँ। हमारे घर में दिनभर क्रिसमस के दिन अलाव में आग जलती रही। कभी-कभी कोयले इतने गर्म थे कि जब मैं और आग बढ़ाने के लिए लकड़ी डालता था तो मेरे हाथ में पीड़ा होती थी। मैं नरक में पाप के विरुद्ध परमेश्वर के प्रकोप के भयानक विचार के विषय में सोचकर पीछे हटा और काँप उठा। ओह, वह वर्णन से बाहर कितना भयानक होगा! बड़े दिन की दोपहर मैं एक ऐसी बहन से मिला जिसके शरीर का 87 प्रतिशत से अधिक भाग जल चुका था। वह अगस्त से अस्पताल में ही है। मेरा हृदय उसके लिए बहुत दुःखी हुआ। किन्तु यह कितनी ही अद्भुत बात थी कि मैं उसको परमेश्वर के वचन से आने वाले युग में उसके लिए एक नए शरीर की सुदृढ़ आशा को देने पाया! परन्तु जब मैं वहाँ से वापस आता तो न केवल इस जीवन में उसकी पीड़ा के विषय में सोच रहा था, किन्तु उस चिरस्थायी पीड़ा के विषय में भी सोच रहा था जिससे मैं यीशु के द्वारा बचाया गया हूँ। मेरे साथ मेरे अनुभव को समझने का प्रयास करें। क्या ऐसे काँपते हुए आनन्द के साथ वर्ष को समाप्त करना उचित होगा? पौलुस आनन्दित था कि “यीशु …हमें आने वाले प्रकोप से बचाता है” (1 थिस्सलुनीकियों 1:10)। उसने चेतावनी दी “परन्तु जो…सत्य को नहीं मानते…उन पर प्रकोप और क्रोध पड़ेगा” (रोमियों 2:8)। और “क्योंकि इन्हीं [यौन अनैतिकता, अशुद्धता और लोभ] के कारण आज्ञा न मानने वालों पर परमेश्वर का प्रकोप पड़ता है” (इफिसियों 5:6)। यहाँ वर्ष के अन्त में, मैं पूरी बाइबल को पढ़कर समाप्त करने की अपनी यात्रा को पूरी कर रहा हूँ और अन्तिम पुस्तक प्रकाशितवाक्य पढ़ रहा हूँ। यह परमेश्वर के विजय की, और उन सभी के लिए अनन्त आनन्द की महिमामय नबूवत है “जो जीवन का जल बिना मूल्य” लेते हैं (प्रकाशितवाक्य 22:17)। कोई भी आँसू नहीं होंगे, कोई भी पीड़ा नहीं होगी, ...
    Show More Show Less
    5 mins

What listeners say about Solid Joys (Hindi) | Marg Satya Jeevan

Average customer ratings

Reviews - Please select the tabs below to change the source of reviews.